Sunday, April 22, 2012

सत्य साई बाबा की असली विरासत (प्रथम महासमाधि दिवस 24 अप्रैल)


पिछले बरस २४ अप्रैल को श्री सत्य साई बाबा की महासमाधि के वक़्त देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पुट्टपर्ती स्थित आश्रम के माल-असबाब के बारे में लगातार जानकारी प्रसारित की थी. ज़्यादातर चैनल्स सोने की चेन,परफ़्यूम,अंगूठियों और घड़ियों की फ़ेहरिस्त जारी करते रहे लेकिन दु:खद ये रहा कि लौकिक विरासतों के अलावा किसी ने भी सत्य साई बाबा की असली विरसतों के बारे में बात नहीं की. सत्य साई बाबा की सबसे बड़ी ताक़त या देन के रूप में उल्लेख किया जाना चाहिये वह है सर्वधर्म भजनों की अदभुत परम्परा. प्रत्येक गुरूवार को दुनियाभर के शहरों में गुरूवार को आपको सत्य साई बाबा का भजन सेंटर मिल जाएगा. चार या छह पंक्ति के ये भजन देवी,गणेश,नानक,ईसा,शिव,अल्लाह का नाम स्मरण होते है.एक गायक इसे गाता है और श्रोतावृंद बेहद अनुशासित तरीक़े से इसे दोहराते हैं.एक घंटे के सुनिश्चित समयक्रम में एक अलौकिक रूहानियत बनती है.ये पद भारतीय रागों पर आधारित बंदिशें हैं जिन्हें सुनना वाक़ई एक सुरीला अनुभव होता है. सत्य साई बाबा का संगठन एकमात्र ऐसा आध्यात्मिक अनुष्ठान है जिसके मोनोग्राम में हिन्दू,मुस्लिम,क्रिश्चियन,सिख और पासरी समुदाय के चिह्न समाहित हैं. दूसरा ख़ास काम सत्य साई बाबा द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किया गया है. एकाधिक स्कूल और कॉलेज के श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले इन शिक्षा संकुलों में पढ़ाई के अलावा व्यक्तित्व विकास और मानवीय मूल्यों का जो पाठ पढ़ाया जाता है वह नई पीढ़ी के लिये अब दुर्लभ हो चला है. जिस भी शहर में बाबा का स्कूल है आप मान लीजिये कि वह उस शहर के पहले पाँच से सात स्कूलों में ज़रूर शुमार होगा. बाबा के स्कूलों में बर्थ डे पर बच्चों व्दारा उपहार बाँटने और किसी भी तरह की प्रतियोगिता पर पूर्णत: प्रतिबंध है.स्कूल के वार्षिक सम्मेलनों में कभी किसी को प्रथम,द्वितीय,तृतीय पुरस्कार देने जैसी कोई परम्परा नहीं है.बाबा के मैनेजमेंट,मेडीकल,इंजीनियरिंग और कॉमर्स कॉलेजों में भी गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा रही है और कभी भी किसी कॉलेज परिसर में लड़ाई-झगड़े,तनाव,हड़ताल,धरने और प्रदर्शन के समाचार सुनाई नहीं देंगे. आज इन शिक्षा संकुलों से निकले विद्यार्थी देश-विदेश के सर्वोच्च प्रतिष्ठानों में कार्यरत हैं और कार्यकुशलता से आदर के पात्र बने हुए हैं. सत्य साई बाबा के किसी भी संस्थान में कोई भी कार्यक्रम किसी व्यावसायिक संस्थान के प्रायोजन से किया जाना असंभव है. साथ ही इन गुणवत्तापरक और नामचीन संस्थाओं में डोनेशन देकर प्रवेश लेने की बात सोचना बेमानी है. और तो और पूरी दुनिया में किसी भी अनुष्ठान,शैक्षणिक या चिकित्सकीय सहयोग के लिये सत्य साई संगठन के किसी पदाधिकारी द्वारा किसी दानदाता को संपर्क करना पूर्णत: वर्जित है. जो भी अनुदान आते हैं स्वप्रेरणा से आते हैं और ससम्मान स्वीकार किये जाते है. पुट्ट्पर्ति के कई आयोजनों में नेता-अभिनेता की उपस्थिति आम बात रही है लेकिन किसी भी व्यक्ति विशेष का महिमा-मण्डन तो यहाँ असंभव है. आज के शोर भरे और बेसुरे समय में सत्य साई बाबा ने विगत पच्चीस बरसों में अपने जन्मदिन पर देश के तक़रीबन सभी शास्त्रीय संगीत,सुगम संगीत कलाकारों को मंच दिया है. बाबा की मौजूदगी में देर रात चलने वाले इन कंसर्ट्स मे एम.एस.सुब्बुल्क्ष्मी,डॉ.बालमुरलीकृष्णा,एस.पी.बालासुब्रमण्यम,पी.सुशीला,येशुदास,से लेकर पं.भीमसेन जोशी, पं.जसराज,उस्ताद अमजद अली ख़ाँ,उस्ताद ज़ाकिर हुसैन,पं.शिवकुमार शर्मा,पं.हरिप्रसाद चौरसिया,बेग़म परवीन सुल्ताना जैसे अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों का रंग बिखरता रहा. इस समागमों का विशेष बात ये थी कि साई बाबा की मौजूदगी के कारण लाखों श्रोताओं को शास्त्रीय संगीत की महफ़िल में बैठने का संस्कार मिलता रहा है.सितारों की उपस्थिति के अलावा सत्य साई बाबा पूरे देश की सतरंगी तहज़ीब की रहनुमाई भी करते थे और बारी बारी से अपने परिसर में विभिन्न राज्यों के लोक-कलाकारों को बाइज़्ज़त आमंत्रित कर उनकी प्रस्तुतियों को सराहते थे. पुट्टपर्ति में निर्मित में सत्य साई सुपर स्पेशलिटि हॉस्पिटल के रूप में पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा चिकित्सा संस्थान है जिसमें ह्रदयरोग की बायपास सर्जरी एकदम नि:शुल्क की जाती है. इस संस्थान से हज़ारों मरीज़ों को अचूक निदान मिला है. इसी के बारे में मुझे उदाहरण सत्य साई के अनन्य भक्त विजय सोहोनी ने दिया और बताया कि इन्दौर की एक मस्ज़िद के एक कमरे में रहने वाले एक ग़रीब मुसलमान पति और पत्नी दोनो ही ह्रदयरोग से पीडित थे. इन दोनों ने किसी साई अनुयायी के माध्यम से पुट्ट्पर्ति पत्र-व्यवहार कर अंतत: साई सुपर स्पेशलिटि हॉस्पिटल से मुफ़्त सर्जरी करवाई. आज दोनो सकुशल हैं और सत्य साई बाबा को किसी फ़रिश्ते से कम नहीं मानते. सर्वधर्म समभाव को प्रचारित करने वाले सत्य साई संगठन में मकर सक्रांति,गुरू नानक जयंति,क्रिसमस,बुध्द जयंति,ईद पर पूरे मनोयोग से उत्सव और गतिविधियाँ आयोजित की जातीं रहीं हैं जो इस बात की तसदीक करती है कि बाबा स्वयं एक धर्म-निरपेक्ष दरवेश थे..बाबा के जन्मदिन या भारतीय त्योहारों ;मकर सक्रांति और शिवरात्रि के अलावा भी पुट्ट्पर्ति परिसर में लाखों लोगों का जमावड़ा आम बात रही है लेकिन ये जानकर हैरत होती है कि पूरा परिसर वर्ष भर बाबा के सेवादल द्वारा संचालित होता रहता है और साफ़-सफ़ाई से लेकर सुरक्षा व्यवस्था के लिये भक्तगण अपनी निस्वार्थ सेवा देना सौभाग्य समझते रहे हैं.सत्य साई बाबा के करोड़ों की सम्पत्ति का लेखाजोखे के साथ इस बात का ज़िक्र भी होना ज़रूरी है कि दुनिया ने सर्वधर्म समभाव,करूणा,मानवता और शिक्षा का एक ऐसा महामानव इस दुनिया से चला गया है जिसने अपनी दिव्यता से पूरी दुनिया में सत्य,धर्म,शांति,प्रेम और अहिंसा का अलख जगाया.

7 comments:

Vijay Sohni said...

Thank you bhaiya.

प्रवीण पाण्डेय said...

स्थानीय सामाजिक क्षेत्र में योगदान सर्वत्र दिखता है।

Dr.Rajesh K.Mishra: Misha Sir's Diary of 40 Yrs said...

Hi sanhay bai, aap ne itna sahi varnan kiya hai!... Bina jane baba ke bare mai logon ne bhut kuch kaha.Blidzs ke old issues aap ko yad honge!
Aap jaise 'kalam kaar' ko SALAM!!!

Dr.Rajesh K.Mishra: Misha Sir's Diary of 40 Yrs said...

Hi sanhay bai, aap ne itna sahi varnan kiya hai!... Bina jane baba ke bare mai logon ne bhut kuch kaha.Blidzs ke old issues aap ko yad honge!
Aap jaise 'kalam kaar' ko SALAM!!!

vinod khuchad said...

mujhe lagata hai sanjay bhaiya ki vishwas apne aap me ek bahut badi takat hoti hai jiske bal pe pura vishw jeeta ja sakata hai to iske liye alag se kuch kahane ki zarurat nahi hai aur jo kaarya bhagwan baba ne kiye hain vo apne aap me bade bade vyakhyan hai jiske upar log comment nahi kar sakate. aalochna karane wale bhi baba ke in kaaryon se ek na ek din avashya laabhanvit honge, ye mera vishwas hai.
aur is ati sunder vyakhyan ke liye bahut -2 badhaai

Monika Agrawal said...

Sanjay Patel ji aapko bahut bahut dhanyabad ki apne ye sab baate aaj sabhi ke saath share ki, aur sai bhakto ke saath saath sabhi anya me bhi ek alakh jagane ki shuruaat ki.

Loving Sai Ram

अनूप शुक्ल said...

सत्यसाईं बाबा के ये योगदान प्रशंसनीय हैं। अच्छा लेख।